ईएनटी विशेषज्ञ के अनुसार खर्राटे की शिकायत होने पर तुरंत इलाज शुरु करवा लेना चाहिये, खर्राटे आने की कई वजह है।
New Delhi, Oct 09 : अगर आप भी नींद में खर्राटे लेते हैं, कम या अधिक ये मायने नहीं रखता है, अगर आपको भी खर्राटे आने लगे हों, तो सचेत हो जाइये, आपकी थोड़ी सी लापरवही आपको दर्जनों बीमारियों की चपेट में डाल सकती है। इसलिये सबसे पहले खर्राटों को बंद कीजिए, नहीं तो अनिद्रा, बीपी, डायबिटीज, पेट की बीमारी समेत आप धीरे-धीरे कई बिमारियों को चंगुल में फंस जाएंगे। ईएनटी विशेषज्ञ के अनुसार खर्राटे की शिकायत होने पर तुरंत इलाज शुरु करवा लेना चाहिये, खर्राटे आने की कई वजह है।
उन वजहों को दूर करने से खर्राटा खुद व खुद ही दूर हो जाता है, मेडिकल टर्म में इसे स्लीप एपनिया भी कहा जाता है। जुकाम की वजह से भी गले या नाक में विकृति होने से खर्राटा की शिकायत हो सकती है। गले या नाक में इंफेक्शन, जलन या सूजन की वजह से भी खर्राटे की समस्या होती है। या फिर मोटापे की वजह से गले में मांस ज्यादा होने के कारण या टॉन्सिल की समस्या से भी खर्राटा आने लगता है।
अगर आपको खर्राटा आने लगे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें, क्योंकि नींद पूरी नहीं होने की वजह से एसिडिटी की समस्या हो जाती है, दिन भर पेट भारी बना रहता है, साथ ही मनोचिकित्सकों के अनुसार खर्राटा भरने वाले चिड़चिड़े हो जाते हैं, वो बात-बात पर गुस्सा करते हैं, कई लोग तो डिप्रेशन में भी चले जाते हैं।
नींद पूरी नहीं होने की वजह से ब्लडप्रेशर और डायबिटीज का खतरा बढ जाता है, पूरा दिन सिर भारी रहता है, और ऐसे लोगों को किसी भी काम में मन नहीं लगता है। गाड़ी पर चलने के दौरान ऐसे लोगों को नींद खूब आती है, इसलिये अगर आपको या आपके परिवार में किसी को खर्राटे की समस्या है, तो उसे हल्के में या फिर नजरअंदाज ना करें।