हम आपको ताजमहल के बारे में 8 दिलचस्प तथ्य बताने वाले हैं, इनमें से बहुत से तथ्यों के बारे में आप को पता ही नहीं होगा, पढ़िए और सोचिए
New Delhi, Oct 20: ताज को लेकर विवाद फिर से शुरू हो गया है। यूपी के प्रमुख टूरिस्ट पलेस के रूप में ताज का दर्जा कम करने को लेकर विरोधियों ने योगी सरकार पर हमला किया था। अब 2018 के लिए योगी सरकार ने हेरिटेज कैलेंडर धनतेरस के मौके पर जारी किया। खास बात ये है कि इसमें ताज महल को जुलाई महीने के पेज पर छापा गया है। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फोटो है। इस कैलेंडर पर बीजेपी का स्लोगन सबका साथ, सबका विकास लिखा है। हम आपको प्यार की निशानी माने जाने वाले ताज महल से जुड़े ऐसे फैक्ट्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे ज्यादातर लोग देखना मिस कर देते हैं।
ताज के गेस्ट हाउस में सुहागरात
अंग्रेजों के समय में मुख्य स्मारक के बगल का मेहमानखाना अंग्रेजों को किराए पर दे दिया जाता था। इस मेहमानखाने में नव विवाहित अंग्रेज जोड़े अपनी सुहागरात मनाते थे। इस बारे में इतिहासकार राजकिशोर ने अपनी किताब में जिक्र किया है। उसके मुताबिक 1857 के बहादुरशाह जफर विद्रोह के बाद इसकी सुरक्षा बढ़ाई गई थी। ताज में लगाई गई तोपों का खर्चा अंग्रेजों को भरना पड़ता था। इसकी भरपाई मेहमानखाने को किराए पर देकर की जाती थी।
छोटा-बड़ा होता दिखता है ताज
ताजमहल की खूबसूरती में बड़ी भूमिका रॉयल गेट की भी है। परिसर में दाखिल होने पर इसी रायल गेट के गुंबद के नीचे से ताज की पहली झलक मिलती है। इस जगह से आगे बढ़ने पर बड़ा होता दिखाई देता है। वहीं आप जब यहां से पीछे आते हैं तो ताज छोटा होता दिखाई देता है। ऐसा लगता है कि जैसे आप कोई फिल्म देख रहे हैं। अगली बार जब ताज देखने जाएं तो ये जरूर करके देखिएगा।
ताज बनाने में हुई एक गलती
ताज को बनाने में में एक गलती हुई है,. इसके बारे में आपको शायद पता नहीं हो. दुनिया भर के आर्किटेक्ट ने ताज पर रिसर्च की है। इसका हर हिस्सा दूसरे हिस्से के बराबर मिलता है। लेकिन मुख्य इमारत में यमुना की तरफ बनी संगमरमर की दीवारों पर बने नक्काशीदार पिलरों में से एक की डिजाइन अलग है। 11 पिलर में से एक का डिजाइन सपाट है। बाकी के पिलर तिकोने कटिंग की डिजाइन में हैं।
झुकी हुई हैं मीनारें
ताजमहल की मीनारें मामूली रूप से बाहर की ओर झुकी हुई हैं। ताकि भूकंप का काफी तेज झटका आने पर मीनार बाहर की ओर गिरेंगी। इससे ताज के गुंबद को नुकसान नहीं होगा। मतलब ये काम जानबूझ कर किया गया था, जिस से भविष्य में ताज को कोई नुकसान न पहुंचे। ये बात बहुत कम लोगों को ही पता होंगी। इसके अलावा ताज से जुड़े और भी फैक्ट्स हैं जो आप आगे पढ़ सकते हैं।
ताज का पहला टूरिस्ट यूरोपियन था
ये बात भी आप नहीं जानते होंगे। इतिहासकारों के मुताबिक ताज को देखने आने वाला पहला शख्स यूरोप का था। उसका नाम जीन बैपटिस्ट टैवर्नियर था। वो 1665 में आगरा घूमने के लिए आया था। उसने अपनी डायरी में लिखा था कि शाहजहां इस से पहले कि काला ताज महल बनवा पाता, औरंगजेब ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। तो इतिहास में ताज को देखने वाले पहले पर्यटक के रूप में जीन बैपटिस्ट का नाम दर्ज है।
ताज में मुमताज के अलावा 5 बेगमें
अभी तक यही समझा और माना जाता था कि ताज में मुमताज और शाहजहां की कब्र है, लेकिन सच ये है कि ताज में मुमताज के अलावा 5 और बेगमों की कब्र भी है। तााज में अकबरी बेगम, फतेहपुरी बेगम, सरहंदी बेगम और मुमताज की सेविका सतीउन्नीसा की कब्रें भी हैैं। जिनके बारे में बहुत ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं है। इन कब्रों को सहेली बुर्ज का नाम दिया गया था।
शाहजहां और मुमताज की नकली कब्रें
ताजमहल जाने वाले लोगों को संगमरमर की जाली से घिरी शाहजहां और मुमताज की कब्रें दिखाई जाती हैं। दरअसल ये कब्रें नकली हैं, इसके ठीक नीचे बने एक तहखाने में दोनों की असली कब्र है। यहां जाने का रास्ता साल में 3 दिन सिर्फ शाहजहां के उर्स के मौके पर खुलता है। तो आप जिस कब्र को शाहजहां और मुमताज की मान कर देखते हैं वो नकली हैं। असली कब्रें तो आप देख ही नहीं पाते हैं।
ताज के निर्माण तक मुमताज थी ‘ममी’
इस बारे में भी बहुत कम लोगों को ही पता था। ताज के निर्माण से पहले ही मुमताज का निधन हो गया था। मुमताज की मौत प्रसव के दौरान हुई थी। शाहजहां ने मुमताज के शव को ताज के पूरे होने तक सुरक्षित रखने के लिए यूनानी हकीमों की मदद ली थी। इन हकीमों ने शव को अगले 6 महीने तक खराब नहीं होने दिया. इसके लिए मुमताज के शव को ममी बना कर रखा गया था।