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ये वीडियो अगर वायरल हो रहा है तो ये सोचने की बात है, आखिर धार्मिक कार्यक्रम के मंच पर इस तरह का फूहड़ डांस करवाने से क्या हासिल होता है।
New Delhi, Oct 09: पिछले कुछ दिनों से इस तरह के डांस वीडियो वायरल हो रहे हैं। दरअसल वायरल क्या होता है। जिसे लोग सोशल मीडिया पर बार बार देखना चाहते हैं, जिसे शेयर करते हैं जिस से उनके जान पहचान वाले भी उसे देख सकें। मगर हाल के दिनों में ये साफ देखा गया है कि अब वो वीडियो वायरल हो रहे हैं जो नहीं होने चाहिए। इस से दो बातें पता चल रही हैं। पहली तो ये कि सोशल मीडिया पर लोगों का टेस्ट लगातार बदल रहा है। दूसरा ये कि हम वायरल शब्द के मोह में इतना जकड़ चुके हैं कि कुछ भी वायरल कर देते हैं। इसका उदाहरण ये डांस वीडियो है।
ये डांस वीडियो वायरल हुआ है तो इसके पीछे इसमें दिखने वाला डांस ही है। जिसके बारे में बताया जा रहा है कि वो किसी धार्मिक मंच पर किया गया था। अगर ये सही है तो फिर से सोचना होगा कि क्या इस तरह की चीजें वायरल होनी चाहिए। इस वीडियो के बारे में जो जानकारी सोशल मीडिया पर दी जा रही है उसके मुताबिक ये किसी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन था। धार्मिक आयोजन के मंच पर डांस कहकर इस वीडियो को प्रचारित किया जा रहा है। इस वीडियो को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि जो डांस हो रहा है वो फूहड़ किस्म का हो रहा है।
ये वीडियो डांस के कारण वायरल हो रहा है। लेकिन डांस किसी धार्मिक काार्यक्रम के मंच पर हो तो क्या उसे वायरल होना चाहिए। अक्सर ये देखा गया है कि धार्मिक कार्यक्रमों में भीड़ बुलाने के लिए लोग इस तरह के डांस का आयोजन करवाते हैं। इस से दर्शकों की संख्या बढ़ जाती है। कार्यक्रम के आयोजन का खर्चा निकल जाता है। लोग खुश हो जाते हैं। मगर सवाल तो यही है कि क्या इस तरह के डांस होने चाहिए।
देश के कई इलाकों में इस तरह के कार्यक्रम होते हैं। जिनमें बाहर से डांसरों को बुला कर डांस का कार्यक्रम किया जाता है। फूहड़ और डबल मीनिंग वाले गाने बजाए जाते हैं। लोग डांसरों पर पैसा लुटाते हैं। उसी पैसे से कार्यक्रम का खर्च निकलता है। अगर इस तरह से पैसा ही कमाना है तो धर्म की आड़ क्यों लेते हैं। आप डांस का कार्यक्रम आयोजित करिए और खुल कर वहां पर लोगों को पैसा लुटाने के लिए कहिए। उसे वायरल करिए। कम से कम धर्म के नाम पर ये फूहड़ता तो बंद करिए।